याद आते हैं वह दिन [ Miss that day]

याद आते हैं वह दिन [ Miss that day]
याद आते है वो स्कूल के दिन ,
 ना जाते थे स्कूल दोस्तों के बिन . . . 

कैसी थी वो दोस्ती कैसा था वो प्यार ,
एक दिन की जुदाई से डरते थे जब आता था शनिवार . . . 

चलते चलते पत्थरों पर मारते थे ठोकर ,
कभी हंसकर चलते थे तो कभी चलते थे नाराज होकर . . . 

कंधे पर बैग लिए हाथों में बोतल पानी , 
किसे पता था बचपन की दोस्ती को बिछुडा देगी जवानी . . 

याद आते है वो रंगो से भरे हाथ , 
क्या दिन थे जब करते थे लंच साथ . . . 

छुट्टी की घंटी सुनते ही भागकर बाहर आना , 
फिर हसते हंसते दोस्तों से मिल जाना . . .

 काश . . . . ! !

वो दोस्त आज मिल जाते 
दिल में बचपन के फूल फिर से खिल जाते . . . 

काश वो दिन फिर से लौट आते . . . 
काश वो दिन फिर से लौट आते . . ! ! 

                                        -Mr. Pradeep Yadav

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