बचपन की दोस्ती
Hi Friends ,
Today I Introduction with you ,
My Best Friend (My Brother) ,
Mr. Jagmohan Yadav.
- बचपन की दोस्ती -
वो बचपन की
दो दिनों वाली ' कट्टी ' भी दोस्ती थी।
पेंसिल से एक दूसरे को हाथों पर खरोचना भी प्यार था।
एक दूसरे के टिफिन को छीन कर खाना भी तो
एक खट्टा - मीठा एहसास था।
वक़्त था तो दोस्ती थी।
अब वक़्त के हाथों बंधे दोस्तो से,
कभी कभार फोन से ही
ताका- झांकी हो जाती है।
या फिर फेसबुक और वॉट्सएप के जरिए
जन्मदिन और शादी के सालगिरह की
शुभकामनाएं भेज दी जाती हैं।
जीवन के आपा - धापी में,
सब अच्छा है कहकर नहीं कहने वाले शब्द कि ' अभी भी मिस करता हूं दोस्त ' सुनाई देता है।
वक़्त तो बीत गया पर वो सारी बातें,
दिल के कोने में
आज भी संजो कर रखी हैं।
कभी मिलोगे तो
वो अनमोल धूल से लिपटी पोटली खोलूंगा।
देखना कितना संजो कर
वो हमारी तकरार और
लड़कपन की बातें रखीं हैं।
डरता हूं कि कहीं मंहगाई के ज़माने में सरकार
इस ' दोस्ती ' पर भी टैक्स न लगा दे।
क्योंकि मेरी ये ' धरोहर '
मेरी कमाई से अधिक है।
- Mr .XDRD007
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